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इंदौर14 अप्रैल , 2023
सोनवणे फाउंडेशन नासिक एवं रेडियंट अकॅडमी मुंबई के सानिध्य में भव्य आयोजन
मुख्य अतिथि – डॉ. अजय शुक्ला ( बिहेवियर साइंटिस्ट ) एवं राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष – अखिल भारतीय हिंदी महासभा , नई दिल्ली
लंदन और यूरोप में 14 अप्रैल , 2024 को " Life Transformering Lessons From Dr. B.R. Ambedkar ... " किताब का विमोचन करने का निश्चय किया है .
भारत रत्न डॉ. भीमराव बाबासाहब अंबेडकर जी के सिद्धांत और व्यवहार को अनुकरण एवं अनुसरण करते हुए अर्थात बाबासाहब द्वारा – “ सेवा अस्माकं धर्म: ” के मार्ग पर निरंतर रूप से गतिशील अनुयायी , बाबासाहब की पवित्र जन्म स्थली , इंदौर के समीप – महू , में सामूहिक रूप से पधारकर सोनवणे फाउंडेशन नासिक एवं रेडियंट अकॅडमी मुंबई ... ’ के सानिध्य में ... डॉ. बाबासाहब अंबेडकर जी को अंतःकरण से उनके महान जीवन से संबद्ध आदर्शों का स्मरण करते हुए अंतर्मन से अभिवादन किया , तत्पश्चात इंदौर में संध्याकालीन बेला के अंतर्गत – पैराडाइज होटल में आयोजित “ अंबेडकर जयंती के गरिमामई कार्यक्रम ” में बाबासाहब द्वारा मानवतावादी दृष्टिकोण को आत्मसात करते हुए उनकी महत्वपूर्ण शिक्षा – दीक्षा को जीवन में उतारकर , समाज के कमजोर एवं पिछड़े हुए लोगों को समाज की मुख्यधारा में जोड़कर उन्हें व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से ऊंचा उठाने के साथ ही आगे बढ़ाने के लिए संपूर्ण समर्पित होकर निष्ठा भाव से कार्य करने में संलग्न रहते हुए – समाज के विभिन्न प्रतिष्ठित शासकीय , अशासकीय एवं निजी क्षेत्र में कार्यरत युवा पीढ़ी , वरिष्ठ जन , महानुभाव , विषय विशेषज्ञ विद्वानों को – “ डॉ. बाबासाहब अंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार ” मुख्य अतिथि के रूप में पधारे – डॉ. अजय शुक्ला ( बिहेवियर साइंटिस्ट ) एवं राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष – अखिल भारतीय हिंदी महासभा , नई दिल्ली ,भारत के – करकमलों से सन्मानित करते हुए प्रदान किया गया तथा उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में – भारत रत्न डॉ. भीमराव बाबासाहब अंबेडकर जी को ‘ महामानव ’ के रूप में स्मरण करते हुए कहा कि – बाबासाहब ने भगवान बुद्ध के सिद्धांतों को जीवन में व्यावहारिक रूप से आत्मसात करते हुए – “ अप्प दीपो भव: ...” की अवधारणा को स्वयं के जीवन में विरोधाभासी परिस्थितियों के अति झंझावात स्वरूप में उत्पन्न होने के बावजूद भी संपूर्ण जगत के सम्मुख सकारात्मक दृष्टि और सार्थक दृष्टिकोण के माध्यम से स्वयं को – ‘ शिक्षित और दीक्षित स्वरूप की पराकाष्ठा ’ जिसकी परिणति एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के अंतर्गत – भारतीय संविधान निर्माता के रूप में बाबासाहब का अतुलनीय योगदान रहा है , डॉ. बाबासाहब ने अति – गरीब , दीन – दु:खी , शोषित – पीड़ित , हीन – भावना , से ग्रसित मनुष्य आत्माओं को शारीरिक , मानसिक एवं आत्मिक सक्षमता से संपन्न करते हुए अंततः यह सिद्ध कर दिया कि – आत्म हित के साथ जीवन के उत्थान और कल्याण के लिए – “ बुद्धम शरणम गच्छामि ... , धम्मम शरणम गच्छामि ... , संघम शरणम गच्छामि ... ” ही आत्मा की शांति का अंतिम मार्ग है , राष्ट्रीय आध्यात्मिक सलाहकार प्रमुख के रूप में परम आदरणीया राजयोगिनी बी.के. संगीता दीदी जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि – डॉक्टर बाबासाहब द्वारा मानवतावादी चिंतन के व्यवहारिक स्वरूप को दृढ़ संकल्प के साथ जीवन में ग्रहण करते हुए – सामाजिक उत्थान में स्वयं के जीवन को समर्पित कर देना ही , बाबासाहब जी की जयंती को सही अर्थों में आत्मा से आत्मसात करने के समदृष्य होगा , श्री राकेश शर्मा जी – राष्ट्रीय मंत्री , तथा डॉ. अभय गुप्ता जी – मालवा प्रांत अध्यक्ष के साथ - साथ श्री समर्पण शर्मा जी – मालवा प्रांत समन्वयक , अखिल भारतीय हिंदी महासभा द्वारा भी इस शुभ अवसर पर अपनी सहभागिता दर्ज की गई , डॉ. बाबासाहब जी की जयंती के शुभ अवसर पर भगवान बुद्ध एवं बाबासाहब जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन करके मंत्र उच्चारण से उनके लोकमंगल स्वरूप को आत्मीयतापूर्ण अभिव्यक्ति प्रदान की गई , जिसमें मंचासीन – सर्व श्री पगारे जी , श्री बापू साहब सोनवाने जी , सुश्री भावना सोनवाने जी एवं भाऊ साहब सोनवाने जी द्वारा विशेष रूप से सामूहिक प्रार्थना की गई , इस पवित्र अवसर पर सुरेश पटेल जी महाव्यवस्थापक – भोपाल मिल्क फेडरेशन ने भी अति विशिष्ट अतिथि के रूप मे उपस्थित रहकर कार्यक्रम को गौरवान्वित किया , बाबासाहब की जयंती के महोत्सव कार्यक्रम में " मानवता के आदर्श - आयकॉन " डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी की जीवनी पर एक घंटे का एकांक ( One Act Play ) डॉ. रत्नाकर अहिरे जी , राष्ट्रीय मनोविज्ञान सलाहकार प्रमुख – अखिल भारतीय हिंदी महासभा , नई दिल्ली द्वारा विशेष रूप से प्रस्तुत किया गया , जिसका मुख्य उद्देश था कि – भीमराव आंबेडकर – डॉ. बाबासाहब अंबेडकर कैसे बने ? तथा उन्होंने कौन – कौन से महत्वपूर्ण गुण वैशिष्ट्य को जीवन में अपनाया ? जीवन मूल्य से संबंधित जीवन दृष्टि एवं दृष्टिकोण को हर क्षण में जीवन संघर्ष करके कैसे मजबूत बनाया ? मानवता के लिए जीवन जीने का आत्म सम्मानपूर्ण राजमार्ग किस प्रकार से सर्व मानव आत्माओं को स्थापित करके दिखाया ? एक सामान्य व्यक्ति आखिर असामान्य व्यक्ति कैसे बन सकता है ? इसका संक्षिप्त विवरण , समर्पित भाव से जीवंत रूप द्वारा प्रस्तुत – एकांकी में पूर्णत: समाहित था , डॉ.रत्नाकर अहिरे जी ने अपने मनोगत में यह अभिव्यक्त किया कि यह – डॉ. बाबा साहब के जीवन दर्शन से संबंधित – एकांक , कार्यक्रम सम्पूर्ण भारत राष्ट्र के साथ ही विदेशों के विद्यालय , महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय के छात्र - छात्राओं को – भारत रत्न डॉ. बाबासाहब के विराट जीवन से स्थाई प्रेरणा प्रदान करने के लिए आयोजित करने का उनका सपना है जिससे डॉ. बाबासाहब की जीवनी को स्वयं के आचरण में अपनाकर , निजी जिंदगी का मूल उद्देश्य ढूंढने में – मानवीय मूल्यों को जीवन का आधार बनाकर बेहतर जिंदगी जीते हुए मानवता की सेवा कर सकें , यही सपना संजोकर रेडियम अकॅडमी मुंबई और सोनवणे फाउंडेशन नाशिक , अगले वर्ष ,महाराष्ट्र से – 133 महानुभाव , जिसमें डॉ. बाबासाहब के अनुयाई प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं – लंदन और यूरोप के दौरे पर – 14 अप्रैल , 2024 को पूर्णिमा के दिन , भगवान बुद्ध और डॉ.बाबासाहब जी की संयुक्त जयंती अंबेडकर भवन – लंदन में सामूहिक रूप से मनाने के लिए उपस्थित रहेंगे , 133 वी , जयंती के महान अवसर पर , डॉ. रत्नाकर अहिरे जी , अपनी 133 , पृष्ठ की – " Life Transformering Lessons From Dr. B.R. Ambedkar ... " किताब का विमोचन लंदन में करने का निश्चय किया है .